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MP High Court: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की डीवीजन बेंच ने आतंकी ममूर अली की जमानत याचिका खारिज कर दी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की है कि धार्मिक आतंकवाद देश के लिए है खतरनाक है. कोर्ट ने कहा कि आतंकवाद और गैर-कानूनी गतिविधियों जैसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे लोगों के प्रति उदारता नहीं बरती जा सकती है.
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री हमले का मास्टरमाइंड
जबलपुर के सैयद ममूर अली को एनआईए की दिल्ली टीम ने 26 मई 2023 को जबलपुर से गिरफ्तार किया था. उस पर आयुध निर्माणी (सैन्य हथियारों और उपकरणों का निर्माण) जबलपुर पर हमले की साजिश करने और विस्फोटक सामग्री तैयार करने का आदेश देने का आरोप है. गैर-कानूनी गतिविधियों की धाराओं में उसके खिलाफ मामला दर्ज है. हाई कोर्ट ने कहा कि एनआईए की चार्जशीट में आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.
NIA ने आरोपियों के कॉल डिटेल्स पेश किये
एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने अप्रैल 2024 में आरोपी ममूर अली की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उसने हाई कोर्ट को रुख किया था. एनआईए ने कोर्ट में आरोपियों की कॉल डिटेल्स भी पेश की है. एनआईए की जांच में य खुलासा हुआ कि ममूर इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक से प्रभावित था. वह इस्लाम, धर्म समेत कई मद्दों को लेकर जाकिर नाइक की वीडियो देखता रहता था.
एनआईए की टीम ने जबलपुर में 13 जगहों पर छापेमारी कर सैयद ममूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को गिरफ्तार किया था. तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से भारी मात्रा में धारदार हथियार, गोला-बारूद, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद हुए थे.
एनआईए के अनुसार वह और उसके सहयोगी आईएसआईएस (ISIS) के इशारे पर भारत में आतंकी हमले की साजिश भी रच रहा था. वह आईएसआईएस का प्रचार करने के लिए युवाओं को ब्रेन वाश करता था. वह पिस्टल, ग्रेनेड और आईडी जैसे खतरनाक विस्फोटक खरीदने के लिए तस्करों के संपर्क में भी था.
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