डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले आखिर क्यों घबराया है पाकिस्तान! पढ़िए एक्सपर्ट्स की राय

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Pakistan 2025 Foreign Policy: 2025 का साल पाकिस्तान के लिए विदेश नीति और सुरक्षा के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. राजनीतिक अस्थिरता और कमजोर अर्थव्यवस्था से जूझते पाकिस्तान को अपने पड़ोसी देशों अफगानिस्तान और भारत के साथ संबंध सुधारने, चीन के साथ रिश्तों को बनाए रखने और अमेरिका के साथ संबंधों को फिर से संतुलित करने की जरूरत होगी.

एक्सपर्ट्स की माने तो तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के संबंधों में तनाव बढ़ा है. अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को इन संबंधों को सुधारने के लिए गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.

भारत के साथ शांति प्रयास
भारत के साथ भी पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं. दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दा और सीमा विवाद हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है. 2025 में पाकिस्तान के लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि वह भारत के साथ संवाद की प्रक्रिया को फिर से शुरू करे.

ट्रंप की वापसी और पाकिस्तान पर असर
डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिका में बतौर राष्ट्रपति वापस आने से पाकिस्तान के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं. ट्रंप की चीन विरोधी नीतियां पाकिस्तान के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं, क्योंकि पाकिस्तान चीन के साथ अपने गहरे संबंधों के लिए जाना जाता है.

चीन से संबंधों में तनाव
चीन ने पाकिस्तान में भारी निवेश किया है, खासकर CPEC परियोजना के तहत. हालांकि, चीन पाकिस्तान से सुरक्षा के मुद्दों पर निराश है, जिससे दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं. यह स्थिति अमेरिका के लिए फायदेमंद हो सकती है, जिससे पाकिस्तान के लिए नए समीकरण बन सकते हैं.

अमेरिका से रिश्ते संभालना बड़ी चुनौती
नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के हसन अब्बास के मुताबिक पाकिस्तान के लिए अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को बनाए रखना एक चुनौती है. अफगानिस्तान से अमेरिका के निकलने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध कमजोर हुए हैं. नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के हसन अब्बास के अनुसार, पाकिस्तान को अमेरिका के साथ अपने संबंधों को सावधानीपूर्वक आगे बढ़ाने की जरूरत है.

अमेरिका की प्राथमिकताएं
अमेरिका के लिए फिलहाल रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम का संकट अधिक महत्वपूर्ण हैं. कामरान बुखारी के अनुसार, अमेरिका के लिए पाकिस्तान एक कम प्राथमिकता वाला देश है, लेकिन पाकिस्तान को अपने पत्ते सुरक्षित तरीके से खेलने होंगे.

पाकिस्तान के सामने चुनौती
स्टिमसन सेंटर के क्रिस्टोफर क्लैरी का मानना है कि 2025 में पाकिस्तान को विदेश नीति और सुरक्षा के मोर्चे पर कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. अफगानिस्तान और भारत के साथ संबंध सुधारने, चीन के साथ रिश्ते संभालने, और अमेरिका के साथ संतुलन बनाए रखने में पाकिस्तान को सतर्क रहना होगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान इन चुनौतियों का कैसे सामना करता है और क्या नए समीकरण बनते हैं.

ये भी पढ़ें: पाकिस्तान से ‘जंग’ के बीच तालिबान ने इंडिया से कर दी ये मांग, शहबाज शरीफ की बढ़ेंगी मुश्किलें

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